Written by Ms. Swasti Bansal, M Phil, Medically reviewed by Dr. Rahul Chandhok, MBBS, MD (Psychiatry)
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर
घबराहट एक स्वाभाविक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो हमें खतरे से लड़ने के लिए तैयार करती है |
लेकिन जब ये घबराहट ज़रुरत से ज़्यादा बढ़ जाये और आपको अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत करने से रोके तब ये एक बीमारी का रूप ले लेती है |
घबराहट कई प्रकार की परिस्थितियों में हो सकती है |
जैसे की किसी नयी जगह में या ऊंचाई पर होना, किसी एक जानवर के समक्ष होना, बंद
किसी कमरे या लिफ्ट में होना| जब घबराहट लोगों से मिलने में हो और उनके द्वारा आलोचना का
दर हो, तब उसे सोशल एंग्जायटी कहते हैं | यह मानसिक बिमारियों का एक समूह है जिसे सामाजिक भय के रूप में भी जाना जाता है |
सोशल एंग्जायटी के लक्षण
- सामाजिक स्तिथियों का सामना करने में भय
- दूसरों के द्वारा अपमानित होने का गंभीर सामाजिक भय
- सामाजिक सभाओं में शर्मिंदगी का दर
- सामूहिक गतिविधिओं में भाग न ले पाना
- अधिकारिक व्यक्ति के सामने बात न कर पाना
- सामूहिक स्तिथियों में होने के कारण पेट में हलचल, थकावट, मुँह का सूखना, हाथ पैरों में कम्पन, आँखों के आगे बिंदु का तैरना और कमज़ोरी महसूस करना
किसी नए या अनजान लोगों से मिलने में घबराहट का होना स्वाभाविक है | लेकिन जब ये घबराहट
दर में बदल जाये और आपकी रोजाना ज़िन्दगी में परेशानी लाये और आपको अपने पसंदीदा कामों
को करने से रोके तब इसे सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर कहते हैं |
सोशल एंग्जायटी के कारण
एंग्जायटी एक अपने आप हो जाने वाली, अज्ञात या अनियंत्रित बीमारी नहीं है | सोशल एंग्जायटी 10-15 प्रतिशत लोगों में देखने को मिलता है | आम तौर पर यह रोग 20 साल की उम्र से पहले ही शुरू हो जाता है | पुरुषों की तुलना में यह रोग महिलाओं में ज़्यादा देखा जाता है | इस रोग के होने तथा बढ़ने में पारिवारिक और आस पास के माहौल का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है |
यह अनुवांशिक भी हो सकता है और किसी बुरे अनुभव के कारण भी हो सकता है |
सोशल एंग्जायटी का इलाज
सोशल एंग्जायटी के इलाज में दवाओं और मनोचिकित्सा दोनों का ही प्रमुख योगदान और महत्व होता है | इस रोग के लिए दवाओं का चुनाव व्यक्तिकगत लक्षण के आधार पर किया जाता है |
मनोचिकित्सक भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को सम्बोधित करते हैं | मनोचिकित्सक संज्ञानात्मक व्यव्हार थेरेपी का उपयोग करते हैं | यह थेरेपी आपकी एंग्जायटी पैदा करने वाली सोच और व्यव्हार को पहचानने में और उनको बदलने में मदद करती है |